कम्प्यूटर : COMPUTER -
कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है जो डेटा लेता है और उस पर प्रक्रिया (processing) करके एक अर्थ पूर्ण परिणाम देता है।
कम्प्यूटर शब्द कम्प्यूट (Compute) शब्द से बना है जिसका अर्थ है- 'गणना करना'। अतः कम्प्यूटर का शाब्दिक अर्थ है- 'गणना करने वाला'।
कम्प्यूटर का आविष्कार मुख्य रूप से गणना करने के लिए हुआ था, पुराने समय में कम्प्यूटर का इस्तेमाल केवल गणना करने के लिए किया जाता था। किन्तु आजकल इसका उपयोग डॉक्यूमेण्ट बनाने, ई-मेल, ऑडियों तथा वीडियों को देखने व सुनने, गेम खेलने, डाटाबेस बनाने के साथ-साथ कई कार्यों में किया जाता है।
कम्प्यूटर की सहायता से आँकड़ों या डाटा (Data) सामग्री को किसी कार्यक्रम (Programme) के आधार पर सार्थक सूचना (Information) में परिवर्तित कर उपयोग में लाया जा सकता है।
कम्प्यूटर जो डेटा लेता है उसे हम input data बोलते है और इस डेटा पे प्रोसेसिंग कर के जो परिणाम वापस देता है उसे output data बोलते है।
डाटा को दो भागों में बांटा जा सकता है -
1. संख्यात्मक डाटा (Numerical Data)- यह अंकों से बना
होता है जो 0, 1, 2,... 9 तक के अंकों पर आधारित होता है। इस डाटा पर अंकगणितीय क्रियायें की जाती हैं।
2. चिह्नात्मक डाटा (Alphanumeric Data)- इसमें चिह्नों व अक्षरों का उपयोग किया जाता है। इस डाटा के आधार पर हम तुलनात्मक निष्कर्ष निकाल सकते हैं।
कार्यक्रम (Programme): एक कंप्यूटर प्रोग्राम एक कंप्यूटर द्वारा निष्पादित करने के लिए एक प्रोग्रामिंग भाषा में अनुक्रम या निर्देशों का सेट है।
प्रोग्रामिंग भाषा : कम्प्यूटर के समझने योग्य भाषा जिसमें प्रोग्राम लिखा जाये, कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा कहलाती है।
सूचना (Information): डाटा की उपयोगिता के आधार पर किए गए विश्लेषण एवं संकलन से प्राप्त तथ्य।
Computer: Commonly Operated Machine Particularly Used for Trade/Technology, Education, and Research.
कम्प्यूटर की उत्पत्ति एवं विकास
एबेकस:-
कहा जाता है कि इसका आविष्कार प्राचीन बेबीलोन में हुआ था। एबेकस किसी रॉड पर मनके गणना करने का एक उपकरण था। जिसका इस्तेमाल मौखिक अंकगणित के परिणाम को तुरन्त गिनने और संग्रहित करने के लिए किया जाता था। पहले यह उंगलियां, पत्थर, या किसी भी तरह की प्राकृतिक सामग्री थी।
नेपियर बॉन्स :-
जॉन नेपियर्स एक गणितज्ञ थे, इन्होने लोगारिद्म का अविष्कार किया था। साथ ही 'नैपियर्स बोन्स' का अविष्कार किया। जिसे गणना करने के लिए उपयोग किया जाता था नैपियर्स बोन्स ग्यारह रोडस का एक सैट था, जो डेसिमल प्वाइन्ट तक बताता था। इन रोडस को बोन्स इसलिए कहा जाता था, क्योंकि ये हड्डियों द्वारा बनी होती थी। जिसमें 0 से 9 अंकों को स्टोर किया जा सकता था|
मेकेनिकल युग
प्रथम मैकेनिकल कैलकुलेटर
ऐसा माना जाता है कि लिओनार्दो द विन्सी ने संसार का पहला मैकेनिकल कैलकुलेटर बनाया था। लिओनार्दो द विन्सी का यांत्रिकी पर एक ग्रंथ मिला है जिसमें एक तंत्र को चित्रित करने वाला एक स्केच है। जिसे गणना उद्देश्यों के लिए डिज़ाइन किए जाने की बहुत संभावना है।
पास्कलाइन
ब्लेज पास्कल ने 1642 में एडिंग मशीन को विकसित किया। यह केवल 8 अंको तक की संख्यायें जोड सकती थी। उन्होंने इस मशीन का नाम पास्कलाइन दिया था। पास्कलाइन दो संख्याओं को सीधे जोड़ और घटाना और बार-बार जोड़ और घटाव के माध्यम से गुणा और भाग करना। उनके सम्मान में नई प्रोग्रामिंग भाषा Pascal का नाम दिया गया था।
जेकार्ड्स लूम
सन् 1801 में फ्रांसीसी बुनकर जोसेफ ने कपड़ों में स्वतः ही
डिजाइन या पैटर्न देने वाले लूम आविष्कार किया। यह लूम कपड़े के डिजाइन को कार्डबोर्ड के छिद्रयुक्त पंचकार्ड से नियंत्रित करता था। पंचकार्ड पर छिद्रों की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति द्वारा धागों को निदेशित किया जाता था। इस लूम में सूचनाओं को पंचकार्ड पर कोडिड किया गया। पंचकार्ड पर संगृहीत सूचना निर्देशों का समूह है। जिससे पंचकार्ड को जब भी काम में लिया जायेगा तो निर्देशों का यह समूह एक प्रोग्राम के रूप में कार्य करेगा।
चार्ल्स बैबेज का डिफरेंस इंजिन
चार्ल्स बैबेज ने सन् 1822 में डिफरेन्स इंजिन मशीन का निर्माण किया। इस मशीन में गियर और शाफ्ट लगे थे। इसके बाद सन् 1833 में चार्ल्स बैबेज ने डिफरेंस इंजन का विकसित रूप एक
एनालिटिकल इंजिन तैयार किया। इसमें निर्देशों को संग्रहित करने की क्षमता थी। और इसके द्वारा स्वचलित रूप में परिणाम भी छापे जा सकते थे। यह भाप से चलती थी। एनालिटिकल इंजन ने एक अंकगणितीय तर्क इकाई, सशर्त शाखाओं और लूप के रूप में नियंत्रण प्रवाह, और एकीकृत मेमोरी को शामिल किया, जिससे यह एक सामान्य-उद्देश्य वाले कंप्यूटर के लिए पहला डिज़ाइन बन गया जिसे आधुनिक शब्दों में ट्यूरिंग-पूर्ण के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
एलन मैथिसन ट्यूरिंग
एलन मैथिसन ट्यूरिंग एक अंग्रेजी गणितज्ञ, कंप्यूटर वैज्ञानिक थे। ट्युरिंग ने 1936 में ट्युरिंग यंत्र का विचार प्रस्तुत किया।
बैबेज का ऐनालिटिकल इंजिन आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना और इसी कारण चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर का पितामह कहा जाता है। बैबेज की सहायक एडा ऑगस्टा ने ऐनालिटिकल इंजिन में गणना के निर्देशों को विकसित करने में मदद की। इसी कारण एडा ऑगस्टा को पहले प्रोग्रामर का श्रेय जाता है। कम्प्यूटर की एक भाषा का नाम एडा (ADA) इन्हीं के नाम पर रखा गया।
होलेरिथ सेंसस टेबुलेटर
सन् 1890 में कम्प्यूटर के द्वारा अमेरिका की जनगणना का कार्य किया गया। सन् 1890 से पूर्व जनगणना का कार्य पारस्परिक तरीकों से किया जाता था। जनगणना के कार्य को करने के लिए होलेरिथ ने एक मशीन बनाई जिसमें पंचकार्ड को विद्युत के द्वारा संचालित किया जाता था। उस मशीन की सहायता से जनगणना करने में केवल तीन वर्ष का समय लगा। जो कि बहुत ही कम था। सन् 1896 में होलेरिथ द्वारा बनाई गई, पंचकार्ड यंत्र बनाने की कम्पनी टेबुलेटिंग मशीन कम्पनी का नाम सन् 1911 में बदलकर कम्प्यूटर टेबुलेटिंग रिकॉर्डिंग कम्पनी हो गया। होलेरिथ ही व्यापार की दुनिया में पंचकार्ड को लाये थे। जिससे 1924 में IBM का उदय हुआ था। जिससे पंचकार्ड को IBM कार्ड या हालेरिथ कार्ड भी कहा जाता है। हरमन हॉर्लिथ ने एक इलेक्ट्रॉनिक पंच कार्ड टेबुलेटर का आविष्कार किया था न कि स्वयं पंच कार्ड का।
Z1 -
Z1 एक मोटर चालित यांत्रिक कंप्यूटर था जिसे कोनराड ज़्यूस द्वारा डिजाइन किया गया था, जिसे उन्होंने 1936 से 1938 तक अपने माता-पिता के घर में बनाया था। यह एक बाइनरी विद्युत चालित यांत्रिक कैलकुलेटर था, जिसमें सीमित प्रोग्रामबिलिटी थी, जो छिद्रित सेल्युलाइड फिल्म से निर्देश पढ़ रहा था।
A.B.C. (Atamasoft- Berry Computer)
A.B.C. (Atamasoft- Berry Computer) - 1939 में जॉन एटनासॉफ और क्लिफोर्ड बेरी नामक वैज्ञानिकों ने मिलकर ससार के इस पहले इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कम्प्यूटर का आविष्कार किया। यह न तो प्रोग्राम करने योग्य था, न ही ट्यूरिंग-पूर्ण। एबीसी को पहला इलेक्ट्रॉनिक ALU (अंकगणित तर्क इकाई) माना जा सकता है। जो हर आधुनिक प्रोसेसर के डिजाइन में एकीकृत है। इसका अनूठा योगदान अंकगणितीय गणना करने के लिए वैक्यूम ट्यूबों का उपयोग करने वाला पहला बनकर कंप्यूटिंग को तेज बनाना था।
मार्क 1
हार्वर्ड मार्क 1, जिसे IBM ऑटोमैटिक सीक्वेंस कंट्रोल्ड
कैलकुलेटर (ASCC) के रूप में भी जाना जाता है, हावर्ड ऐकेन द्वारा डिज़ाइन किया गया एक प्रारंभिक इलेक्ट्रोमैकेनिकल कंप्यूटर था और 1944 में IBM द्वारा न्यूयॉर्क में उनकी एंडिकॉट लैब में बनाया गया था। यह विश्व की पहली स्वचालित इलैक्ट्रो- मैकेनिकल कैलकुलेटर डिवाइस थी। डाटा स्टोर करने के लिए मैग्नेटिक डुम का प्रयोग किया जाता था। हार्वर्ड मार्क 1 ने परमाणु हथियार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, क्योंकि इसका उपयोग पहले परमाणु बमों को डिजाइन करने में मदद के लिए किया गया था।
हार्वर्ड मार्क 1 पहला कंप्यूटर था जिसे एक विशिष्ट चीज़ को हल करने के बजाय कई समस्याओं को हल करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता था।
डिजीटल युग
जॉन वॉन न्यूमैन द्वारा 'स्टोर्ड प्रोग्राम' की अवधारणा को 1940 के दशक के अंत में पेश किया गया। इस अवधारणा के आधार पर ENIAC और फिर EDVAC कंप्यूटर विकसित किए गए। प्रथम इलैक्ट्रोनिक/डिजीटल कम्प्यूटर ENIAC
ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) प्रथम इलैक्ट्रोनिक कम्प्यूटर था।
ENIAC का अविष्कार जे. प्रेस्पर एकर्ट और जॉन मॉकले द्वारा पेनिसलिवानिया की युनिवर्सिटी में किया गया। इसका आकार 1800 सक्वेयर फीट था। जिसमें लगभग 18000 वैक्यूम ट्यूबस का उपयोग किया गया।
शुरूआत पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के मूर स्कूल ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में गुप्त रूप से कोड नाम Project PX के तहत 1943 में हुई तथा 1946 में निर्माण कार्य हुआ।
पहला ट्यूरिंग-पूर्ण, डिजिटल कंप्यूटर था जो कंप्यूटिंग समस्याओं की एक पूरी श्रृंखला को हल करने के लिए रिप्रोग्राम करने में सक्षम था।
एडसैक (EDSAC)
Electronic Delay Storage Automatic Calculator (EDSAC) 1947 में मॉरिस विल्कीज (इंग्लैण्ड) के नेतृत्व में एक टीम द्वारा डिज़ाइन किया गया, मूल EDSAC कंप्यूटर लगभग 10 वर्षों तक संचालित रहा, 6 मई 1949 को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी गणितीय प्रयोगशाला में चलाए गए अपने पहले सफल कार्यक्रम से शुरू हुआ। यह पहला कम्प्यूटर था जो संग्रहित प्रोग्राम का उपयोग करता था। यह स्मृति के लिए पारा विलम्ब लाइनों और तर्क के लिए व्युत्पन्न वैक्यूम ट्यूबों का उपयोग करता था।
Whirl Wind
MIT में Whirl Wind मशीन का निर्माण 1951 में किया यह क्रांतिकारी कम्प्यूटर प्रथम डिजिटल कम्प्यूटर था जो बुनियादी निर्देशों का तुरंत जवाब दे सकता था। इसे 1948 और 1951 के बीच मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में बनाया गया था। Whirl Wind का डिजाइन और निर्माण MIT के Jay Forrester और Radio Corporation of America (RCA) के Jan Aleksander Rajchman द्वारा किया गया था, जो एक नई तरह की मेमोरी के साथ आए थे। निर्देशों और डेटा को स्विच या छिद्रित टेप के माध्यम से स्मृति में दर्ज किया जाता है। अतिरिक्त मेमोरी के रूप में एक चुंबकीय ड्रम (8KB), साथ ही एक चुंबकीय टेप डिवाइस का उपयोग किया जा सकता है। Whirl Wind पहला कंप्यूटर भी था, जिसमें ग्राफिकल डिस्प्ले (256 × 256 डॉट्स रिज़ॉल्यूशन के साथ) का इस्तेमाल किया गया था। यह रैंडम-एक्सेस मैग्नेटिक-कोर (RAM) मेमोरी का उपयोग करने वाला पहला रीयल-टाइम हाई-स्पीड डिजिटल कंप्यूटर था। Whirl Wind पहला कंप्यूटर था जो वास्तविक समय की संगणना करने में सक्षम था। यह दो माइक्रोसेकंड में दो 16-बिट संख्या जोड़ सकता है और बीस माइक्रोसेकंड में उन्हें गुणा कर सकता है। इसमें केवल 4000 वाल्वों का इस्तेमाल किया गया था, जो कि ENIAC में इस्तेमाल किए गए वाल्वों के एक चौथाई से भी कम था।
यूनीवैक (UNIVAC)
Universal Automatic Computer (UNIVAC)
प्रथम कम्प्यूटर था जिसका उपयोग व्यापारिक और अन्य सामान्य कार्यों के लिए किया गया। इसका विकास 1954 में Eckert- Mauchly Computer Corporation ने किया था। यह इनपुट के साथ- साथ आउटपुट के लिए चुम्बकीय टेप का उपयोग करता था।
प्रथम मीनी कम्प्यूटर
1960 में Digital Equipment Corporation (DEC, which was purchased by Compaq in 1998) ने PDP(Programmed Data Processor) कम्प्यूटर का प्रथम कम्प्यूटर PDP-1 विकसित किया।
इंटेल के लिए माइक्रोप्रोसेसर का विकास मार्सियन एडवर्ड टेड हॉफ (एम. ई. हॉफ) ने 1970 में किया था। फेडेरिको फागिन ने इंटेल के इस माइक्रोप्रोसेसर परियोजना और डिजाइन समूह का नेतृत्व किया। 1971 में इंटेल कम्पनी के प्रथम माइक्रो प्रोसेसर "इंटेल 4004" के निर्माण ने माइक्रो कम्प्यूटर निर्माण के क्षेत्र में क्रांति ला दी थी। पहला व्यावसायिक रूप से उपलब्ध माइक्रोप्रोसेसर Intel 4004 था, जिसे Federico Faggin द्वारा डिज़ाइन किया गया था और 1971 में पेश किया गया था। विश्व में मुख्यतः दो बड़ी माइक्रोप्रोसेसर उत्पादक कंपनियां है - इंटेल (INTEL) और ए.एम.डी. (AMD)।
पहला माइक्रो कंप्यूटर
अल्टेयर 8800, माइक्रो इंस्ट्रूमेंटेशन एंड टेलीमेट्री सिस्टम्स (एमआईटीएस) द्वारा निर्मित और एड रॉबर्ट्स द्वारा आविष्कार किया गया था, मूल रूप से एक किट के रूप में बेचा गया था। इसमें कोई ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं था, लेकिन यह स्विच की एक पंक्ति के माध्यम से दर्ज किए गए कमांड को पहचानता था। अल्टेयर के पास कोई कीबोर्ड नहीं था और इसे टेलीविजन स्क्रीन से नहीं जोड़ा जा सकता था।
पहला माइक्रो कंप्यूटर माइक्रल (Micral) था, जिसे 1973 में फ्रेंच कंपनी रियलाइजेशन डी' एट्यूड्स इलेक्ट्रोनिक्स (R2E) द्वारा जारी किया गया था। Intel 8008 पर आधारित, यह माइक्रोप्रोसेसर पर आधारित पहला बिना किट वाला कंप्यूटर था। 1974 में, Intel 8008-आधारित MCM/70 माइक्रो कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर मशीन इंक. (बाद में MCM कंप्यूटर के रूप में जाना जाता है)
प्रथम एपल कम्प्यूटर
Apple-1 कंप्यूटर को एपल के फाउंडर स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनियाक ने 1976 में बनाया था।
एप्पल II
1977 में इस प्रथम व्यावसायिक माइक्रो कम्प्यूटर का निर्माण हुआ।
पहला लैपटाप
1981 में एडम ऑसबोर्न ने पहला लैपटाप विकसित किया तथा EPSON कम्पनी ने पहले लैपटॉप का निर्माण किया।
प्रथम मल्टी मीडिया कम्प्यूटर
1992 में Tendy Radio Shack ऐसी प्रथम कम्पनी बनी जिसने Multimedia Personal Computer (MPC) स्टैंडर्ड पर आधारित कम्प्यूटर रीलीज किये तथा इसी के साथ M2500XL/2 और M4020 SX कम्प्यूटर का आगमन हुआ।
प्रथम कम्प्यूटर कम्पनी
प्रथम कम्प्यूटर कम्पनी इलेक्ट्रोनिक कन्ट्रोल कम्पनी थी, जिसे 1949 में जे. प्रेस्पर एकर्ट और जॉन मॉकले ने निर्मित किया। इन्होने ही ENIAC (Electronic Numerical Integrator And Computer) का निर्माण किया था। इसी कम्पनी का नाम बदलकर EMCC या Eckert Monchly Computer Corporation रखा गया और UNIVAC (Universal Automatic Computer) के अन्तर्गत मेनफ्रेम कम्प्यूटर की एक सीरीज निकाली गयी। UNIVAC प्रथम कमर्शियल कम्प्यूटर था।
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